अगर आप Share Bazaar में रुचि रखते हैं, तो आपने देखा होगा कि Maruti Suzuki, जो भारत की सबसे बड़ी कार कंपनी है, उसके शेयरों की कीमत में कभी-कभी गिरावट देखने को मिलती है। कई निवेशकों के मन में यह सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है? एक तरफ जहाँ कंपनी नई कारें लॉन्च कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उसके शेयर की कीमत में स्थिरता नहीं दिख रही है।
निवेश करने से पहले यह जानना बहुत ज़रूरी है कि किसी भी कंपनी के शेयर प्राइस पर किन बातों का असर पड़ता है। आइए जानते हैं मारुति सुजुकी के शेयरों की कीमत में गिरावट के 5 बड़े कारण, जिन्हें जानना आपके लिए ज़रूरी है।
1. इलेक्ट्रिक कारों (EV) के बाज़ार में धीमी एंट्री
आजकल पूरी दुनिया इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर बढ़ रही है। भारत में भी टाटा मोटर्स जैसी कंपनियां इस क्षेत्र में बहुत तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। लेकिन Maruti Suzuki ने अभी तक इलेक्ट्रिक कार बाज़ार में अपनी जगह नहीं बनाई है। निवेशकों को लगता है कि अगर कंपनी ने जल्द ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां लॉन्च नहीं कीं, तो वह भविष्य में पिछड़ सकती है। यह बात निवेशकों की चिंता बढ़ाती है और शेयर प्राइस पर असर डालती है।

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2. बढ़ती हुई कॉम्पिटिशन (प्रतिस्पर्धा)
Maruti Suzuki का बाज़ार में राज हमेशा से रहा है, लेकिन अब कॉम्पिटिशन बहुत बढ़ गया है। Tata Motors, Hyundai, Mahindra और अन्य कंपनियां लगातार नई और दमदार गाड़ियां, खासकर XUV (SUV) सेगमेंट में ला रही हैं। मारुति की कुछ पुरानी गाड़ियां अब उतनी पसंद नहीं की जा रही हैं, जिसकी वजह से उसकी बाज़ार हिस्सेदारी में कमी आई है। इस कॉम्पिटिशन के कारण कंपनी की बिक्री पर भी दबाव पड़ता है।
3. कच्चे माल की बढ़ती हुई लागत
किसी भी कार को बनाने के लिए लोहा, स्टील, एल्युमीनियम जैसी धातुओं और प्लास्टिक की ज़रूरत होती है। पिछले कुछ समय से इन सभी कच्चे माल की कीमतें बहुत बढ़ गई हैं। अगर कच्चे माल की लागत बढ़ती है, तो कंपनी का मुनाफा (Profit) कम हो जाता है। जब कंपनी का मुनाफा कम होता है, तो इसका सीधा असर उसके शेयर प्राइस पर पड़ता है।
4. सप्लाई चेन की दिक्कतें
कोरोना महामारी के बाद से दुनिया भर में सप्लाई चेन की समस्याएँ बढ़ गई हैं। गाड़ियां बनाने के लिए जो छोटे-छोटे पार्ट्स और सेमीकंडक्टर चिप्स की ज़रूरत होती है, उनकी कमी हो रही है। इस कमी के कारण Maruti Suzuki को भी गाड़ियों का उत्पादन कम करना पड़ा। जब गाड़ियां कम बनेंगी, तो उनकी बिक्री भी कम होगी, और इसका असर कंपनी के राजस्व (Revenue) और Share Price पर दिखना स्वाभाविक है।
5. बाज़ार और आर्थिक हालात
शेयर की कीमत सिर्फ कंपनी के परफॉरमेंस पर ही निर्भर नहीं करती, बल्कि देश और दुनिया के आर्थिक हालात पर भी करती है। अगर पेट्रोल-डीजल की कीमतें बहुत बढ़ जाती हैं या लोगों के पास पैसा कम होता है, तो वे नई कार खरीदने से बचते हैं। इससे कार कंपनियों की बिक्री घट जाती है, जिसका असर उनके शेयरों पर भी दिखता है।
निष्कर्ष:
इन सभी कारणों को देखते हुए, यह साफ है कि Maruti Suzuki के शेयर प्राइस पर कई तरह के दबाव हैं। हालांकि, मारुति एक बहुत ही मज़बूत ब्रांड है और उसकी सर्विस और बिक्री का नेटवर्क बहुत बड़ा है। इसलिए, निवेश करने से पहले इन सभी बातों को अच्छे से समझना और अपना फैसला सोच-समझकर लेना ही सबसे बुद्धिमानी है।




